एकादशी का व्रत क्या होता है

 तमाम व्रत और उपवासों में सर्वाधिक महत्व एकादशी का है, जो माह में दो बार पड़ती है. शुक्ल एकादशी,और कृष्ण एकादशी. वैशाख मास में एकादशी उपवास का विशेष महत्व है, जिससे मन और शरीर दोनों ही संतुलित रहते हैं.


ख़ास तौर से गंभीर रोगों से रक्षा होती है और खूब सारा नाम यश मिलता है. इस एकादशी के उपवास से मोह के बंधन नष्ट हो जाते हैं, अतः इसे मोहिनी एकादशी कहा जाता है. भावनाओं और मोह से मुक्ति की इच्छा रखने वालों के लिए भी वैशाख मास की एकादशी का विशेष महत्व है. मोहिनी एकादशी के दिन भगवान के राम स्वरुप की आराधना की जाती है.
मोहिनी एकादशी पर किस किस तरह के वरदान मिल सकते हैं?

- व्यक्ति की चिंताएं और मोह माया का प्रभाव कम होता है

- ईश्वर की कृपा का अनुभव होने लगता है

- पाप प्रभाव कम होता है और मन शुद्ध होता है

- व्यक्ति हर तरह की दुर्घटनाओं से सुरक्षित रहता है

- व्यक्ति को गौदान का पुण्य फल प्राप्त होता है

किस प्रकार आज के दिन पूजा करें?

- एकादशी व्रत के मुख्य देवता भगवान विष्णु या उनके अवतार होते हैं, जिनकी पूजा इस दिन की जाती है

- इस दिन प्रातः उठकर स्नान करने के बाद पहले सूर्य को अर्घ्य दें,तत्पश्चात भगवान राम की आराधना करें

- उनको पीले फूल,पंचामृत तथा तुलसी दल अर्पित करें , फल भी अर्पित कर सकते हैं

- इसके बाद भगवान राम का ध्यान करें तथा उनके मन्त्रों का जप करें

- इस दिन पूर्ण रूप से जलीय आहार लें अथवा फलाहार लें तो इसके श्रेष्ठ परिणाम मिलेंगे

- अगले दिन प्रातः एक वेला का भोजन या अन्न किसी निर्धन को दान करें

- इस दिन मन को ईश्वर में लगायें,क्रोध न करें,असत्य न बोलें

निर्जला एकादशी के व्रत का समापन कैसे करें?

अगले दिन प्रातः स्नान करके सूर्य को जल अर्पित करें. इसके बाद निर्धनों को अन्न, वस्त्र और जल का दान करें फिर नीम्बू पानी पीकर व्रत समाप्त करें. पहले हल्का भोजन ही करें तो उत्तम होगा.

धन आए और बचे भी, क्या करें उपाय?

- एकादशी के दिन एक सफेद रंग का शंख खरीद कर ले आएं

- इसमें गंगाजल भर लें और श्री हरी के चरणों में डालें

- इसके बाद उस शंख से तीन बार ध्वनि करें

- शंख को धोकर पूजा के स्थान पर रख दें

- घर में धन आता भी रहेगा, और बचत भी होती रहेगी

Comments

Popular posts from this blog

Blogger kya hota hai